जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए जमीनी स्तर पर सरकार की पहलें लगातार मजबूत हो रही हैं। भारत सरकार की प्रमुख योजना “Hub for Empowerment of Women (HEW)” के तहत बीते एक वर्ष में ही 28,000 से अधिक महिलाओं को मदद दी गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की “मिशन शक्ति” पहल के अंतर्गत HEW केंद्रों को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट्स के रूप में स्थापित किया गया है। ये केंद्र जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों—श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, कठुआ, राजौरी और उधमपुर—में कार्यरत हैं। यहां महिलाओं को कानूनी सलाह, स्वरोजगार में सहयोग, उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता अभियान और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
4 अप्रैल को लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024–25 (मार्च 30 तक) में जम्मू-कश्मीर की 28,413 महिलाओं को HEW नेटवर्क से सहायता प्राप्त हुई। यह 2023–24 में 24,574 और 2022–23 में 17,110 महिलाओं की तुलना में लगातार वृद्धि को दर्शाता है।
इसके साथ ही, मातृत्व लाभ योजना “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)” के तहत इस वर्ष 1.4 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिला है। योजना के तहत पहले बच्चे के लिए ₹6,000 तक की वित्तीय सहायता दी जाती है, और संशोधित नियमों के अनुसार, दूसरे बच्चे (यदि वह बेटी है) के लिए भी लाभ उपलब्ध है। इस योजना का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना और गर्भावस्था के दौरान पोषण स्तर को बेहतर बनाना है।
मंत्रालय ने बताया कि इन दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन में डिजिटल तकनीक का अहम योगदान रहा है। PMMVY के लिए उपयोग किया जा रहा सॉफ्ट पोर्टल आधार आधारित प्रमाणीकरण, शिकायत निवारण और आवेदन की रीयल-टाइम ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता और नेटवर्क कनेक्टिविटी जैसी चुनौतियां सामने आईं, लेकिन ‘प्रभात फेरियां’, नुक्कड़ नाटक और घर-घर संपर्क अभियानों जैसे प्रयासों के जरिए इन बाधाओं को काफी हद तक दूर किया गया।
हाल ही में HEW कार्यक्रम के तहत आयोजित “100 दिवसीय महिला सशक्तिकरण विशेष अभियान” के अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर, लैंगिक संवेदनशीलता कार्यशालाएं और समुदायिक संवाद जैसी गतिविधियां सभी आठ HEW केंद्रों पर आयोजित की गईं।
अधिकारियों का कहना है कि इन योजनाओं का बढ़ता असर जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के लिए संस्थागत समर्थन के सुदृढ़ होने का संकेत है और यह ‘विकसित भारत’ की दिशा में महिला-नेतृत्व वाले विकास के लक्ष्य की ओर केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।