ब्रिटेन में रहने वाली 76 वर्षीय महिला मारिया पास्केविक्ज़ की मौत टर्मिनल बाउल (आंत) कैंसर से हो गई, जिसका शुरुआती निदान केवल खाद्य असहिष्णुता यानी फूड इंटॉलरेंस के रूप में किया गया था। डॉक्टरों ने उनके लक्षणों — जैसे शौच की आदतों में बदलाव और बार-बार टॉयलेट जाने की शिकायत — को पाचन से जुड़ी समस्या मानते हुए गंभीरता से नहीं लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में अचानक बीमार पड़ने के बाद मारिया को आठ महीने के भीतर कैंसर का पता चला और फिर उनकी मौत हो गई।
उनकी बेटी ऐन-मारी के अनुसार, किसी भी डॉक्टर ने शुरुआत में कैंसर की संभावना पर विचार नहीं किया। जब उन्होंने बल देकर खून की जांच कराई, तब जाकर बाउल कैंसर का पता चला, जो कि लीवर तक फैल चुका था। इसके बाद कीमोथेरेपी शुरू की गई और शुरुआत में कुछ सुधार भी देखा गया।
लेकिन कीमोथेरेपी पूरी होने के बाद कैंसर ने फिर से तेजी से फैलाव किया और कोई इलाज कारगर नहीं रहा। अप्रैल में डॉक्टरों ने बताया कि मारिया के पास सिर्फ 3 से 6 महीने का समय है, लेकिन वे महज तीन दिन में दुनिया को अलविदा कह गईं। बेटी ऐन-मारी उनके अंतिम समय में उनके साथ थीं।
“उस पहली भविष्यवाणी के बाद हमने आने वाले तीन महीनों की योजना बनानी शुरू कर दी थी। कुछ पारिवारिक अवसर आने वाले थे, हमने मिलकर कुछ करने की सोची थी, लेकिन हमें वह समय कभी मिला ही नहीं,” ऐन-मारी ने दुख के साथ बताया।
अब ऐन-मारी ने अपनी मां की याद में एक JustGiving अभियान शुरू किया है, ताकि Macmillan Cancer Support संस्था के लिए धन जुटाया जा सके, जो कैंसर पीड़ितों की मदद करती है।
क्या है बाउल कैंसर?
बाउल (आंत) कैंसर ब्रिटेन में दूसरा सबसे आम कैंसर है, जो हर साल लगभग 17,000 लोगों की जान लेता है। इसके शिकार लोगों में से केवल आधे ही दस साल तक जीवित रह पाते हैं। 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं — 2007 से 2017 के बीच इसमें 36% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड, प्रदूषण और जहरीले प्लास्टिक के संपर्क में आना इसके पीछे एक बड़ी वजह हो सकता है। अनुमान है कि 2040 तक यूके में बाउल कैंसर से होने वाली मौतों में सालाना 2,500 की वृद्धि हो सकती है।
बाउल कैंसर के सामान्य लक्षण:
- शौच की आदतों में बदलाव (डायरिया या कब्ज)
- शौच की आवृत्ति में अंतर
- मल में खून आना
- पेट दर्द या सूजन
- बिना वजह वजन घटना
- लगातार थकान
यदि इनमें से कोई लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराना बेहद जरूरी है। शुरुआती पहचान से जीवन बचाया जा सकता है।