2029 लोकसभा चुनाव में महिलाओं को मिलेगा 33% आरक्षण, केंद्र सरकार की योजना तैयार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार 2029 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों के आरक्षण को लागू करने की योजना बना रही है। यह कदम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तहत लिया जा रहा है, जो जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। इस आरक्षण के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें सुरक्षित की जाएंगी।

महिला आरक्षण बिल की पृष्ठभूमि
संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 – जिसे महिला आरक्षण विधेयक के नाम से भी जाना जाता है – 19 सितंबर 2023 को लोकसभा में पेश किया गया था। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, “जनगणना की घोषणा हो चुकी है और अब अन्य प्रक्रियाएं भी आगे बढ़ेंगी। महिला आरक्षण बिल को परिसीमन प्रक्रिया से जोड़ा गया है और हम इसे अगले आम चुनाव में लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

परिसीमन से क्यों जुड़ा है महिला आरक्षण का क्रियान्वयन?
संविधान के अनुसार, लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण तभी प्रभावी होगा जब अधिनियम के लागू होने के बाद की पहली जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

परिसीमन का मतलब है – चुनावी क्षेत्रों की सीमाएं तय करना, सीटों की संख्या में बदलाव करना और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण करना। यह प्रक्रिया जनगणना के आंकड़ों के आधार पर होती है। इसके लिए संसद को एक परिसीमन अधिनियम पारित करना होगा, जो संभवतः लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ा सकता है। संविधान का अनुच्छेद 82 हर जनगणना के बाद सीटों के पुनः निर्धारण का प्रावधान करता है।

जनगणना और जातीय गणना की तैयारी
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने घोषणा की थी कि आगामी वर्ष में जनगणना और जातीय गणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जो 1 मार्च 2027 तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, इस बार जनगणना डेटा पहले की तुलना में तेजी से उपलब्ध होगा, क्योंकि डेटा संग्रहण डिजिटल तरीकों से – मोबाइल ऐप और एक केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से – किया जाएगा।

परिसीमन पर राजनीतिक विवाद
परिसीमन एक विवादास्पद विषय रहा है। विशेष रूप से भाजपा और डीएमके के बीच इसे लेकर तीखी बहस हुई है। जनसंख्या के आधार पर सीटों के निर्धारण की अवधारणा दक्षिणी राज्यों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इन राज्यों की भारत की कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी 1971 के 24 प्रतिशत से घटकर 2023 में 19.7 प्रतिशत हो गई है।

हालांकि, फरवरी 2025 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि दक्षिणी राज्यों की कोई भी सीट अनुपातिक रूप से नहीं घटेगी।

इस प्रकार, 2029 लोकसभा चुनावों में महिला आरक्षण लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा प्रयास है, बल्कि आने वाले वर्षों में भारतीय राजनीति के परिदृश्य को भी बदल सकता है।

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