3 सितंबर की शाम पुणे में महिलाओं ने एक अद्वितीय विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास किया। धुले पाटिल एजुकेशन सोसाइटी (DPES) कैंपस, खराड़ी में 1,724 महिलाएं एकसाथ आरती के दौरान दीपक घुमाने के लिए जुटीं। सभी प्रतिभागियों ने जलते हुए दीयों के साथ एक स्वर में यह धार्मिक अनुष्ठान किया। यह प्रयास गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए किया गया।
इस आयोजन का नेतृत्व DPES के चेयरमैन सागर उल्हास धुले पाटिल ने किया। इसमें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय छात्र, संकाय सदस्य और पुणे भर से आए भक्त शामिल हुए। गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक स्वप्निल दांगरिकर और फसिलिटेटर मिलिंद वेरलेकर भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने प्रक्रिया की निगरानी की और बाद में आयोजकों को एक प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रदान किया।
वेरलेकर ने बताया, “सभी दस्तावेज़ पहले से अनुमोदित थे और यह प्रयास नियुक्त गवाहों की उपस्थिति में रिकॉर्ड किया गया, जिनमें दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर के मुख्य पुजारी भी शामिल थे। हर 100 प्रतिभागियों पर एक स्टूअर्ड नियुक्त किया गया था ताकि गिनीज़ के नियमों का पूरी तरह पालन हो सके। फिलहाल प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया गया है। यूके में सत्यापन के बाद यह रिकॉर्ड गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की वेबसाइट पर दिखेगा।”
सागर धुले पाटिल ने कहा, “भगवान गणेश को ‘विघ्न विनाशक’ कहा जाता है। हमने इस विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से सार्वभौमिक शांति का संदेश देने के लिए प्रार्थना की है। हमारी यही मंशा है कि यह संदेश पूरी दुनिया तक पहुँचे।”